हाथरस कांड- देव प्रकाश मधुकर का बैंक अकाउंट खंगाल रही पुलिस, दो और सेवादार गिरफ्तार

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उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुई भगदड़ मामले में पुलिस ने दो और सेवादारों को गिरफ्तार किया है. पुलिस के मुताबिक दोनों सत्संग में मौजूद थे, लेकिन हादसे के बाद वहां से भाग निकले थे. इसके साथ ही पुलिस मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर का बैंक अकाउंट भी खंगाल रही है, ताकि आयोजन को लेकर गड़बड़ियों की सच्चाई सामने आ सके. मधुकर नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा के लिए फंड मैनेजर का काम करता था.

पुलिस की तरफ दर्ज एफआईआर में दावा किया गया है कि देव प्रकाश मधुकर ने 80 हजार लोगों के लिए मंजूरी ली थी, लेकिन सत्संग में 2.5 लाख से अधिक लोग आए थे. पुलिस ने इसी आधार पर मधुकर को मुख्य आरोपी बनाया है. सत्संग में मौजूद कई लोगों ने बताया कि जिस वक्त भगदड़ मची, भोले बाबा की गाड़ी वहां से निकल रही थी. वो खुद भी घटनास्थल से दूर नहीं था, इसके बावजूद एफआईआर में उसका नाम नहीं है.

पिछले हफ्ते हाथरस हादसे की जांच कर रही पुलिस ने चौंकाने वाले खुलासे किए थे. पुलिस सूत्रों ने कहा था कि स्वयंभू संत भोले बाबा के कुछ राजनीतिक दलों से गहरे संबंध हैं, जो उनके सत्संग के कार्यक्रमों की फंडिंग किया करते हैं. बाबा का मुख्य सेवादार और इस मामले का मुख्य आरोपी देवप्रकाश मधुकर कार्यक्रमों के आयोजन के साथ फंड मैनेजर का काम करता है. उसके जरिए बाबा के सत्संग के नाम पर लोगों से पैसे एकत्रित किए जाते थे.

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पुलिस ने दावा किया था कि देवप्रकाश मधुकर 2 जुलाई के 'सत्संग' का मुख्य आयोजक था. उसने धन जुटाने का काम किया था. यह सत्संग किसी राजनीतिक दल द्वारा वित्तपोषित था. मधुकर ने अपनी गिरफ्तारी से पहले कुछ दलों से संपर्क भी किया था. पुलिस ने कहा कि भोले बाबा के राजनीतिक संबंधों और धन के स्रोत की जांच की जाएगी. यदि कोई पार्टी गतिविधियों में शामिल पाई जाती है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

हाथरस के पुलिस अधीक्षक निपुण अग्रवाल ने कहा था, "मधुकर 2 जुलाई को आयोजित सत्संग का मुख्य आयोजक था. इसकी अनुमति भी उसी ने ली थी. उसकी दो भूमिकाएं सामने आई हैं. पहला कार्यक्रम का मुख्य आयोजक और दूसरा फंड मैनेजर यानी धन जुटाने वाला. मधुकर सिकंदराराऊ थाने में दर्ज एफआईआर में नामित एकमात्र आरोपी है. जांच से पता चला है कि कुछ राजनीतिक दलों ने कुछ समय पहले उससे संपर्क किया था."

उन्होंने बताया कि इस केस की विस्तृत जांच की जा रही है. यह भी जांच की जा रही है कि ऐसे कार्यक्रमों को किसी राजनीतिक दल द्वारा वित्त पोषित किया जा रहा है या नहीं. अब तक की जांच से ऐसा प्रतीत होता है कि कोई दल अपने राजनीतिक और निजी हितों के लिए उनसे जुड़ा हुआ है. मधुकर से संबंधित सभी बैंक खातों, चल-अचल संपत्तियों, मनी ट्रेल की जांच की जा रही है, जिसमें जरूरत के अनुसार अन्य एजेंसियों से भी मदद ली जाएगी.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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